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पूर्व महानिदेशक आई.सी.ए.आर डाॅ आर एस परोदा ने कृषि विज्ञान केंद्र-2, कटिया को किया सम्मानित |
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रंबधन अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के 37वे स्थापना दिवस पर पूर्व महानिदेशक- आई.सी.ए.आर. डॉ. आर. एस. परोदा सर द्वारा आई.पी. एम. तकनीक को कृषक समुदाय के उत्थान मे विशेष योगदान हेतु सम्मानित किया गया।
आईपीएम का उद्देश्य राष्ट्रीय फसल पारिस्थितिकी तंत्र संतुलन को बनाए रखना है। यह अंतर्निहित प्राकृतिक संसाधन आधार (यानी मिट्टी, पानी और जैव विविधता) को संरक्षित करता है और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं (यानी परागण, स्वस्थ मिट्टी, प्रजातियों की विविधता) को बढ़ाता है।
कृषि विज्ञान केंद्र-2, कटिया सीतापुर वर्ष 2013 से निरंतर पर्यावरण डेटा और प्रौद्योगिकी पर जानकारी का उपयोग करके कीट क्षति का प्रबंधन व कृषकों को कीट रोग प्रबंधन की समेकित विथियों पर प्रचार, प्रसार, प्रदर्शन व परीक्षण के माध्यम से रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग को कम करने की दिशा में काम कर रहा है
इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, मणिपुर के पूर्व कुलपति डाॅ एस. एन. पुरी, सहायक महानिदेशक- आई.सी.ए.आर डॉ. पूनम जसरोटिया
सहायक महानिदेशक (पादप संरक्षण और जैव सुरक्षा), पूर्व सहायक महानिदेशक- आई.सी.ए.आर डॉ. पी के चक्रबर्ती, पूर्व निदेशक , एन सी आई पी एम डाॅ बी एल जलाली एवं निदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद राष्ट्रीय समेकित नाशीजीव प्रंबधन अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली डॉ मुकेश सहगल समेत संस्थान के प्रधान वैज्ञानिकगण , विभिन्न प्रदेशों के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक एवं किसान उपस्थित रहे। |
2025-02-13 |
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कृषि राज्य मंत्री माननीय श्री बलदेव सिंह औलख ने कृषि विज्ञान केंद्र-कटिया सीतापुर को किया सम्मानित |
कृषि राज्य मंत्री माननीय श्री बलदेव सिंह औलख ने कृषि विज्ञान केंद्र-कटिया सीतापुर को किया सम्मानित
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ में आयोजित कृषि विज्ञान केन्द्रों की 31वी वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला में कृषि विज्ञान केंद्र कटिया द्वारा भारत सरकार के किसान सारथी पोर्टल पर सर्वाधिक किसान 2.11 लाख कृषक पंजीकृत करने पर कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान कानपुर की संस्तुति पर उत्तर प्रदेश के कृषि राज्य मंत्री माननीय बलदेव सिंह औलख ने के वी के कटिया सीतापुर के प्रसार कार्यो को सम्मानित किया।
इस अवसर पर सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ के कुलपति डाॅ के के सिंह, उपकार के अध्यक्ष कैप्टन श्री विकास गुप्ता, शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय जम्मू ,के पूर्व कुलपति डाॅ जे पी शर्मा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूसा के पूर्व महानिदेशक (कृषि प्रसार) डाॅ पी दास, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूसा के सहायक महानिदेशक (कृषि प्रसार) डाॅ रजंय कुमार सिंह समेत उत्तर प्रदेश के कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्ष समेत कृषक उत्पादक संगठन के निदेशकगण उपस्थित रहे। |
2024-09-26 |
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बारिश के दौर में सचेत हों किसान, फसलों के बचाव के लिए करें यह उपाय / Crop damage due to heavy rainfall in india |
अक्टूबर माह की इस बेमौसम बारिश से खेती किसानी को नुकसान होने की संभावना ज्यादा है। भारतीय मौसम विभाग के अनुमान को देखा जाए तो लगभग 13 से 15 अक्टूबर तक मौसम खराब रहेगा। अभी धान की कटाई शुरू ही हुई थी कि मौसम खराब हो गया। इससे पकी हुई फसल को काफी क्षति हो रही है। हालांकि कुछ किसान मशीन से फसल की कटाई करा रहे हैं उन्हें थोड़ा राहत मिल सकती है लेकिन फसल में उच्च नमी के कारण उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश खत्म होने पे धान की लगभग पक चुकी फसल में कीट व्याधियाँ जैसे गंधी व कंडुवा रोग आ सकता है। ऐसी स्थिति में किसान भाई कार्बेंडाजिम एवं प्रॉपिकॉनाजोल दोनों 400 ग्राम 200 लीटर पानी यानि 2 ग्राम/ली की दर से छिड़काव करें। फसल से जलनिकासी की उचित व्यवस्था रखनी होगी।
महोली, लहरपुर जैसे प्रखंड में जहां किसान सब्जियों की अगेती नर्सरी डालते है उन्हें जलभराव का सामना कर पड़ सकता है, ऐसी स्थिति में नर्सरी सड़/ गल सकती है, इन नर्सरी के खेतो से जलनिकासी करके ही कुछ राहत मिल सकती है जो किसान नर्सरी की तैयारी कर रहे हों उन्हें सलाह है कि कृपया लो टनल पाली हाउस/ नेट के साथ ऊंचे स्थान अथवा बेड पे डालें।
तेज हवाओं की स्थिति न होने पर गन्ना की फसल व बागवानों को कुछ विशेष नुकसान संभावित नही है।
कुछ किसान भाई जो बटन मशरुम उत्पादन हेतु सितम्बर माह में कम्पोस्ट तैयार किये हैं उन्हें सलाह है कि तैयार हुई कम्पोस्ट को पॉलीथीन या किसी अन्य सुरक्षित स्थान पे रख लें अन्यथा अधिक भीगने पे कम्पोस्ट की गुणवत्ता में कमी आयेगी।
मूंगफली की फसल में जलभराव से उत्पादन में कमी आयेगी ऐसी स्थित में जलनिकासी की उचित व्यवस्था करनी पड़ेगी।
मधुमक्खी पालक लगातार बारिश की स्थिति में बॉक्सों को ऊँचे स्थान पर रखें ताकि बॉक्स के अंदर पानी न जा सके।
अगेती आलू व सरसो बोन वाले किसानो के लिए उचित होगा कि मौसम सही होने तक थोड़ा इंतजार करें। |
2022-10-07 |
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Kisan Samman Diwas |
Kisan Samman Diwas at Krishi Vigyan Kendra-II, Sitapur, Uttar Pradesh |
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